बहोत कुछ कहा गया और
बहोत कुछ सुना गया
गुनाह कुछ भी नहीं और
मुजरिम करार दिया गया
किस के लिए जरुरी है और
किस के लिए जरुरत है हम
ये बात समझने के लिये
बहोत वक्त बिताया गया
किसीसे से उतने ही करीब रहो
जितना वो तुमसे रहना चाहे
जीन्दगी के तजुर्बे ने सिखाया है
किताबो में हमें ये नहीं पढाया गया
©Sanjiv F