कहता है ईश्वर
कभी कभी दिल कहता है सब का मैं हिसाब करूं
जिसने तुझे सताया उस पर चप्पल की बरसात करूं
पर फिर कहता मुझसे ईश्वर मेरा बेटा तुम बस शांत रहो
जिसने परेशान किया तुमको उस को मैं ना माफ करूं
देख रहा हूं मैं अभी नीचे कितना पापी गिर सकता है
झूठ फरेब का जाल अभी कितना वो बुन सकता है
धीर धरा है अब तक जैसे कुछ दिन का और बस धैर्य धरो
नीच के बारे मे सोच सोच कर ना वक्त अपना बर्बाद करो
भर रहा घड़ा जो पाप का अपने वो खुद ही एक दिन फूटेगा
बोया जिसने पेड़ बबुल का वो आम कैसे खाएगा
जिसने तुम्हे रुलाया है मैं एक दिन खून के आंसू उसे रुलाऊंगा
कलयुग की सुर्पन्खा की नाक में न्याय सभा में आके काटूंगा
जय श्री राम
©Ashu Dwivedi
#कहता है ईश्वर