पल्लव की डायरी,
लाल किले की प्राचीर ने कितने भाषण झेले
वायदो के जुमले उसे घायल करते है
हर साल छेड़ते
हम आजादी के तराने
तिरंगे की शान पर हम मर मिटते है
जान की बाजी तक सीमाओं पर लगा देते है
मगर अग्निवीर बनाकर दोहन हमारा करते है
आंकड़े देना सब बन्द कर दिया
पेपर लीक कराकर मनोबल तोड़े जाते है
आजादी के बाद ये कैसी आजादी
जो हम सब को चुभती जाती है
पाँच साल का लेखा जोखा दिया नही जाता
सन सैतालीस का सपना संजोया जाता है
धोखे पर धोखे खाना
और भारतीयों को कानूनी शिकंजे में कसता है
आजादी के नाम पर लोकतंत्र चलाकर
गुलाम बनाकर आवाम को ठगता है
प्रवीण जैन पल्लव
©Praveen Jain "पल्लव"
#RepublicDay लाल किले की प्राचीर ने कितने वायदे जुमले झेले
#nojotohindi