क्या तुम्हे कुछ भी नहीं याद , वो लम्हे वो जज्बात, | हिंदी कविता

"क्या तुम्हे कुछ भी नहीं याद , वो लम्हे वो जज्बात,।  जो अक्सर ही करते हैं परेशान, हरकुछ एक सजीव वस्तु और हर किसी के कई सवाल।  था कौन, वो कहां गया, जिससे अक्सर ही मिलना होता, बे मौसम सर्दी गर्मी या बरसात। ©AshuAkela"

 क्या तुम्हे कुछ भी नहीं याद ,

वो लम्हे वो जज्बात,। 

जो अक्सर ही करते हैं परेशान,

हरकुछ एक सजीव वस्तु

और हर किसी के कई सवाल। 

था कौन, वो कहां गया,

जिससे अक्सर ही मिलना होता,

बे मौसम सर्दी गर्मी या बरसात।

©AshuAkela

क्या तुम्हे कुछ भी नहीं याद , वो लम्हे वो जज्बात,।  जो अक्सर ही करते हैं परेशान, हरकुछ एक सजीव वस्तु और हर किसी के कई सवाल।  था कौन, वो कहां गया, जिससे अक्सर ही मिलना होता, बे मौसम सर्दी गर्मी या बरसात। ©AshuAkela

#jajbat सफर पे निकले तो यह बात जानी प्यार सब्र लगन किस्मत कितना कुछ लगता है परिंदे को अपना बनाने में

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