ऐ मौहब्बत ! हम तेरे उन्माद में रहे , जिसे भुलाया | हिंदी शायरी

"ऐ मौहब्बत ! हम तेरे उन्माद में रहे , जिसे भुलाया उसी की याद में रहे । मौत भी आयी और रुख़्सत भी हुए , दास्तां बन के यहां उसके बाद में रहे । ©अनुराग "सुकून""

 ऐ मौहब्बत !  हम तेरे उन्माद में रहे ,
जिसे भुलाया उसी की याद में रहे ।

मौत भी आयी और रुख़्सत भी हुए ,
दास्तां बन के यहां उसके बाद में रहे ।

©अनुराग "सुकून"

ऐ मौहब्बत ! हम तेरे उन्माद में रहे , जिसे भुलाया उसी की याद में रहे । मौत भी आयी और रुख़्सत भी हुए , दास्तां बन के यहां उसके बाद में रहे । ©अनुराग "सुकून"

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