"उ से देखा नहीं कभी मैंने
बस बातों से इश्क है
यू बातें भी नहीं होती हमारी रोजाना
उस खामोशी में इश्क है
यूं तो मुलाकात नहीं हुई आमने-सामने
उसकी सीरत से इश्क है
शायद मुकम्मल ना हो इश्क हमारा
हमें तो इस ख्वाब से इश्क है.. ....."
उ से देखा नहीं कभी मैंने
बस बातों से इश्क है
यू बातें भी नहीं होती हमारी रोजाना
उस खामोशी में इश्क है
यूं तो मुलाकात नहीं हुई आमने-सामने
उसकी सीरत से इश्क है
शायद मुकम्मल ना हो इश्क हमारा
हमें तो इस ख्वाब से इश्क है.. .....