मेरे दोस्त कहते हैं अच्छा लिखता हूं मैं
हां कुछ ख़ास नहीं बस जज़्बात लिख देता हूं,
कभी हुई थी गुफ्तगू उनसे जो भी
आ जाती है याद वो बात लिख देता हूं,
दिन गुज़र जाता है किसी ना किसी तरह
और हर शाम सुहानी उनके नाम लिख देता हूं,
ये जो भी है बस उनकी दुआओं का असर है
उन्हें मशहूर और ख़ुद को बदनाम लिख देता हूं..
©Balwinder Pal
#जज़्बात