मेरे सामने के मकान में एक चाँद रहती है,
सितारों की मेहफ़िल से, वो तन्हा होके,
बस मुझे निहारती है।
ठण्ड - सा दोपहार, ऐसे गुजरती है,
उसकी गोरी सूरत के सिवा,
कुछ और नज़र नहीं आती है।।
लेखक : विजय सर जी
©Vijay Kumar
#beautifulhouse , कविता love❤ प्यार पर कविता