White चुपी
आपकी चुपी मुझे बरबाद कर देगी,
इतनी खामोशी मुझे बदलाम कर देगी।
जो शक्स महफ़िल की जान थे, कभी
उसकी चुपी मुझे परेशान कर देगी।।
हैरान हूँ, उन्हें चुपचाप देखकर,
उनकी चुपी मेरे दिल को चीर देगी।
इनकी मुस्कान देखने के लिए, मेरे नजरे तरस गई,
क़ीमत बता, खुलकर मुस्कुराने की, ये दीवानी
अपनी जिस्म गिरवी रख देगी।।
प्यार करती हूँ, तुमसे बता न सकी तो क्या?
आपकी हर अदा मुझे दीवाना कर देगी।
मुझे वापस वो पुराना वाला शक्स चाहिए,
आपकी चुपी मुझे बरबाद कर देगी।।
©कवि विजय सर जी
शायरी 'दर्द भरी शायरी'