प्रिय हिन्दुस्तान ❣️🇮🇳❣️ *********************** | हिंदी कविता

"प्रिय हिन्दुस्तान ❣️🇮🇳❣️ *********************** मेरा शब्द श्रृंगार तुझी से है, मेरी प्रेम की श्रृंखला तुझ तक है.. मेरे नयनों के दर्पण ने, अर्पण किया सब कुछ तुझे.. मेरे रग - रग में बिखर गया तूं, मेरा कण - कण संवर गया तेरे प्रेम में.. कहानी तो अब शुरू हो गई, आदि से अन्त तक की रुहानी हो गई.. ये प्रित बड़ी गहरी हैं, बाकी सभी अनदेखी है.. मन में मनन तक , चित में चिंतन तक, इक तेरी आस्था का जल है.. छवि तेरी इस जग से निराली है, खुशियों की सौगात इक तुझी से आने वाली है.. हिन्दुस्तान की धरा पर आए , और इससे इश्क ना किया , ये भी कोई बात है..? तो आइए हिन्दुस्तान से मोहब्बत का ह्रदय में दीप जलाएं..🇮🇳❤️❣️ ©Sanjana Hada"

 प्रिय हिन्दुस्तान ❣️🇮🇳❣️
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मेरा शब्द श्रृंगार तुझी से है,
मेरी प्रेम की श्रृंखला तुझ तक है..

मेरे नयनों के दर्पण ने,
अर्पण किया सब कुछ तुझे..

मेरे रग - रग में बिखर गया तूं,
मेरा कण - कण संवर गया तेरे प्रेम में..


कहानी तो अब शुरू हो गई,
आदि से अन्त तक की रुहानी हो गई..

ये प्रित बड़ी गहरी हैं,
बाकी सभी अनदेखी है..

मन में मनन तक ,
चित में चिंतन तक,
इक तेरी आस्था का जल है..

छवि तेरी इस जग से निराली है,
खुशियों की सौगात इक तुझी से आने वाली है..

हिन्दुस्तान की धरा पर आए ,
और इससे इश्क ना किया ,
ये भी कोई बात है..?
तो आइए हिन्दुस्तान से मोहब्बत का ह्रदय
में दीप जलाएं..🇮🇳❤️❣️

©Sanjana  Hada

प्रिय हिन्दुस्तान ❣️🇮🇳❣️ *********************** मेरा शब्द श्रृंगार तुझी से है, मेरी प्रेम की श्रृंखला तुझ तक है.. मेरे नयनों के दर्पण ने, अर्पण किया सब कुछ तुझे.. मेरे रग - रग में बिखर गया तूं, मेरा कण - कण संवर गया तेरे प्रेम में.. कहानी तो अब शुरू हो गई, आदि से अन्त तक की रुहानी हो गई.. ये प्रित बड़ी गहरी हैं, बाकी सभी अनदेखी है.. मन में मनन तक , चित में चिंतन तक, इक तेरी आस्था का जल है.. छवि तेरी इस जग से निराली है, खुशियों की सौगात इक तुझी से आने वाली है.. हिन्दुस्तान की धरा पर आए , और इससे इश्क ना किया , ये भी कोई बात है..? तो आइए हिन्दुस्तान से मोहब्बत का ह्रदय में दीप जलाएं..🇮🇳❤️❣️ ©Sanjana Hada

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