इंतज़ार आज तक न जाने किसका है दिल का बेचैनिओं से य | हिंदी Shayari

"इंतज़ार आज तक न जाने किसका है दिल का बेचैनिओं से ये कैसा रिश्ता है उन्हें उनका वक़्त देते देते उस वक़्त का अब इंतजार हो गई हु मैं!! राहते चाहत के लम्हों की हसरत थी, पर अब बेक़रार हो गई हु मैं!! ज़माने की छोटी खुशियों को पाने मे उसने मुझ अनमोल को खोया हैँ! नादान बड़ा हैँ सनम मेरा उसे ये इल्म नहीं की कब उसने ये बीज बोया हैँ 🥰!! ©payal singh"

 इंतज़ार आज तक न जाने किसका है  दिल का बेचैनिओं से ये कैसा रिश्ता है उन्हें उनका वक़्त देते देते उस वक़्त का अब इंतजार हो गई हु मैं!!

राहते चाहत के लम्हों की हसरत थी, पर अब बेक़रार हो गई हु मैं!!

ज़माने की छोटी खुशियों को पाने मे उसने मुझ अनमोल को खोया हैँ!

नादान बड़ा हैँ सनम मेरा उसे ये इल्म नहीं की कब उसने ये बीज बोया हैँ 🥰!!

©payal singh

इंतज़ार आज तक न जाने किसका है दिल का बेचैनिओं से ये कैसा रिश्ता है उन्हें उनका वक़्त देते देते उस वक़्त का अब इंतजार हो गई हु मैं!! राहते चाहत के लम्हों की हसरत थी, पर अब बेक़रार हो गई हु मैं!! ज़माने की छोटी खुशियों को पाने मे उसने मुझ अनमोल को खोया हैँ! नादान बड़ा हैँ सनम मेरा उसे ये इल्म नहीं की कब उसने ये बीज बोया हैँ 🥰!! ©payal singh

#hamariadhurikahani

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