White आँखों का समंदर ना सूखे मेरे दिल का सिसकना कम ना हो
मेरे दर्द कभी न सुकूं पाए मेरे ज़ख्म का कोई मरहम ना हो
मेरा चैन रहे बेचैन सदा मेरी रूह में टीस हो कसक रहे
मेरी सांस चले पर जान न हो मेरी रूह रहे धड़कन न रहे
मेरे पास मेरे अपने तो क्या ग़ैरों के भी साये साथ ना हो
दुनिया में वजूद न मेरा रहे मेरा नाम भी मेरे साथ ना हो!!
रिपुदमन झा 'पिनाकी'
धनबाद (झारखण्ड)
स्वरचित एवं मौलिक
©रिपुदमन झा 'पिनाकी'
#sad_quotes 'दर्द भरी शायरी'