आओ तुम्हें प्रेम में,
इस तरह साक्षर कर दूँ!
तुम बनो कोरा काग़ज मेरा,
मैं इश्क की स्याही से तुमपर हस्ताक्षर कर दूँ!
सुनी लगती है मांग तुम्हारी,
सोचता हूं सातो रंग इनमें भर दूं!
क्या होगा मुद्दतों बाद क्या पता,
इस पहर सोचता हूँ तुम्हारे नाम उमर कर दूँ!