समाज में जब जब कोई लड़का चला अपने मन से
जिया अपने उत्थान के लिये
खोले उसने अपने पंख आकाश छूने के लिए
उसे उन्मुक्त कहा गया महान कहाँ गया बुद्ध कहाँ गया
समाज के लिए ये सारे लड़के अच्छे लड़के थे
वही जब जब लड़कियों ने लांघी घर की दहलीज
नही सही उन्होंने पुरुषों की दासता
अपने सपनों को जीने के लिये
समाज के लिए कुछ करने के लिये
अपनी काबिलियत दिखाने के लिये
वो आगे बढ़ी औऱ
विडंबना देखो समाज के लिए
वो सारी की सारी लड़कियाँ बुरी हो गई
और अच्छी रही बस वो लड़कियाँ
जिन्होंने स्वीकारी पुरुषों की ग़ुलामी
सराही गई वो लड़कियाँ
जिन्होंने आंगन के सिवा नही देखा
बाहर मोहल्ला
औऱ मुझे लगा दोगला है समाज
©sukoon
#girl
समाज में जब-जब कोई लड़का चला अपने मन से
जिया अपने उत्थान के लिए
खोल उसने अपने पंख आकाश छूने के लिए
उसे उन्मुक्त कहा गया महान कहा गया बुद्ध कहा गया
वहीं जब-जब लड़कियों ने लांघी घर की दहलीज
नहीं सही उन्होंने पुरुष की दासता