Unsplash फल
फल की चिंता क्यो करें
फल तो आएगा ही
जो श्रम किया है अथक
वह फल पाएगा ही
अगर सींचा है तरु को
खाद डाला है जड़ों में
खिलेंगे सुंदर पुष्प जब
मन हर्षाएगा ही
सजग रहना होगा ही
शत्रुओं से हरदम
जो सो जाएगा बेसुध
वो पछताएगा ही
कर्म का तोड़ न कोई
कर्म बेजोड़ है बेखुद
फल तो पारितोषिक है
वो मिल जाएगा ही
©Sunil Kumar Maurya Bekhud
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