सात फेरों के संग पहला फेरा, साथ चलने का,  जीवन | हिंदी विचार

"सात फेरों के संग पहला फेरा, साथ चलने का,  जीवन के हर मोड़ पर स्नेह बाँटने का।  तेरे संग मेरा ये वादा सच्चा,  हर मुश्किल में भी, न होगा कोई बचा।  दूसरा फेरा, सम्मान का धागा,  तेरी हर ख़ुशी में होगा मेरा भाग।  आदर और प्रेम से संवारूँगा तुझे,  तेरे हर सपने में अपना हौसला भरूँ।  तीसरा फेरा, सुख-दुख की छाँव,  जहां तू हंसे, वहां मैं भी मुस्काऊं।  तेरे आँसुओं में भी साथ निभाऊँ,  तेरी ख़ुशी को ही अपनी जीत बनाऊँ।  चौथा फेरा, धैर्य का सबक,  जीवन के तूफ़ानों में भी प्रेम रहे अमर।  तेरे साथ, हर मौसम में खड़ा रहूँगा,  तेरे मन के कोमल बाग को संवारूँगा।  पांचवा फेरा, परिवार का आधार,  संग हम मिलकर बनाएंगे एक संसार।  तेरी ममता और मेरा सहारा,  मिलकर रचेंगे प्रेम का प्यारा सहारा।  छठा फेरा, विश्वास की डोर,  जिससे बंधा रहेगा हमारा हर एक छोर।  तेरे मन के हर डर को मिटाऊँगा,  हर मोड़ पर, तुझे अपनाकर सजाऊँगा।  सातवां फेरा, साथ जन्मों का,  तेरा-मेरा ये बंधन रहेगा अनंत प्रेम का।  तेरी हर साँस में मैं बसूँगा,  तेरे संग हर जन्म में प्रेम की रीत लिखूँगा।  **तेरे साथ, इन फेरों की डोर में बंधकर,  मैं अपना जीवन तुझसे सजाऊँगा,  तेरी मुस्कान में मेरा संसार बसता,  हर पल तुझे प्रेम से सजाऊँगा।** ©pragati sahu"

 सात फेरों के संग 

पहला फेरा, साथ चलने का,  
जीवन के हर मोड़ पर स्नेह बाँटने का।  
तेरे संग मेरा ये वादा सच्चा,  
हर मुश्किल में भी, न होगा कोई बचा।  

दूसरा फेरा, सम्मान का धागा,  
तेरी हर ख़ुशी में होगा मेरा भाग।  
आदर और प्रेम से संवारूँगा तुझे,  
तेरे हर सपने में अपना हौसला भरूँ।  

तीसरा फेरा, सुख-दुख की छाँव,  
जहां तू हंसे, वहां मैं भी मुस्काऊं।  
तेरे आँसुओं में भी साथ निभाऊँ,  
तेरी ख़ुशी को ही अपनी जीत बनाऊँ।  

चौथा फेरा, धैर्य का सबक,  
जीवन के तूफ़ानों में भी प्रेम रहे अमर।  
तेरे साथ, हर मौसम में खड़ा रहूँगा,  
तेरे मन के कोमल बाग को संवारूँगा।  

पांचवा फेरा, परिवार का आधार,  
संग हम मिलकर बनाएंगे एक संसार।  
तेरी ममता और मेरा सहारा,  
मिलकर रचेंगे प्रेम का प्यारा सहारा।  

छठा फेरा, विश्वास की डोर,  
जिससे बंधा रहेगा हमारा हर एक छोर।  
तेरे मन के हर डर को मिटाऊँगा,  
हर मोड़ पर, तुझे अपनाकर सजाऊँगा।  

सातवां फेरा, साथ जन्मों का,  
तेरा-मेरा ये बंधन रहेगा अनंत प्रेम का।  
तेरी हर साँस में मैं बसूँगा,  
तेरे संग हर जन्म में प्रेम की रीत लिखूँगा।  

**तेरे साथ, इन फेरों की डोर में बंधकर,  
मैं अपना जीवन तुझसे सजाऊँगा,  
तेरी मुस्कान में मेरा संसार बसता,  
हर पल तुझे प्रेम से सजाऊँगा।**

©pragati sahu

सात फेरों के संग पहला फेरा, साथ चलने का,  जीवन के हर मोड़ पर स्नेह बाँटने का।  तेरे संग मेरा ये वादा सच्चा,  हर मुश्किल में भी, न होगा कोई बचा।  दूसरा फेरा, सम्मान का धागा,  तेरी हर ख़ुशी में होगा मेरा भाग।  आदर और प्रेम से संवारूँगा तुझे,  तेरे हर सपने में अपना हौसला भरूँ।  तीसरा फेरा, सुख-दुख की छाँव,  जहां तू हंसे, वहां मैं भी मुस्काऊं।  तेरे आँसुओं में भी साथ निभाऊँ,  तेरी ख़ुशी को ही अपनी जीत बनाऊँ।  चौथा फेरा, धैर्य का सबक,  जीवन के तूफ़ानों में भी प्रेम रहे अमर।  तेरे साथ, हर मौसम में खड़ा रहूँगा,  तेरे मन के कोमल बाग को संवारूँगा।  पांचवा फेरा, परिवार का आधार,  संग हम मिलकर बनाएंगे एक संसार।  तेरी ममता और मेरा सहारा,  मिलकर रचेंगे प्रेम का प्यारा सहारा।  छठा फेरा, विश्वास की डोर,  जिससे बंधा रहेगा हमारा हर एक छोर।  तेरे मन के हर डर को मिटाऊँगा,  हर मोड़ पर, तुझे अपनाकर सजाऊँगा।  सातवां फेरा, साथ जन्मों का,  तेरा-मेरा ये बंधन रहेगा अनंत प्रेम का।  तेरी हर साँस में मैं बसूँगा,  तेरे संग हर जन्म में प्रेम की रीत लिखूँगा।  **तेरे साथ, इन फेरों की डोर में बंधकर,  मैं अपना जीवन तुझसे सजाऊँगा,  तेरी मुस्कान में मेरा संसार बसता,  हर पल तुझे प्रेम से सजाऊँगा।** ©pragati sahu

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