Unsplash हमें आज़ाद छोडा गया
तब समझ में आया मार्गदर्शन क्या होती है
जब हम तन्हाइयों में गए
तब समझ आया माँ बाप क्या होते हैं
जब बेकरारी बढी
तब समझ आया प्यार क्या होता है
जब मोहब्बत की चादर हटी
तब समझ आया दोस्त क्या होता है
जब उम्र badhi
तब समझ आया पढाई क्या होता है
जब ma - बाप की जवानी ढली
तब समझ आया शोहरत क्या होता है
जब विपत्ति आयी
तब समझ आया सगा कौन होता है
जब जवानी ढली
तब समझ आया स्वभाव क्या होता है
जब बंद कमरे में तन्हाई मिलि
तब समझ आया अपने क्या होते हैं ||
©Barkha
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