White शबनमी ताज़ी सुबह उसे आज फिर से अच्छी लगने | हिंदी Poetry

"White शबनमी ताज़ी सुबह उसे आज फिर से अच्छी लगने लगी हैँ लगता हैँ आज उसे शायद जीने की कोई नई वजह मिल गई हो ©Parasram Arora"

 White शबनमी ताज़ी 
सुबह उसे आज 
फिर से  अच्छी
 लगने लगी हैँ 
लगता हैँ 
 आज उसे  शायद 
जीने की 
कोई नई वजह  मिल गई हो

©Parasram Arora

White शबनमी ताज़ी सुबह उसे आज फिर से अच्छी लगने लगी हैँ लगता हैँ आज उसे शायद जीने की कोई नई वजह मिल गई हो ©Parasram Arora

जीने की नई वजह

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