एक बार किसी उपासक ने तथागत बुद्ध से प्रश्न किया
उपासक :तथागत पर्वत से कठोर क्या है?
तथागत: पर्वत से कठोर लोहा है क्योंकि लोहा के छेनी से पत्थर को काट सकते हैं,
उपासक: तो लोहे से कठोर क्या है?
तथागत :लोहे से कठोर आग है क्योंकि आग उसे पिघला देती है,
उपासक: की लालसा बढ़ती गई और उसने पूछा कि आग से कठोर किया है?
तथागत: आज से कठोर पानी है क्योंकि धधकती हुई आग को पानी बुझा सकती है,
उपासक: पानी से कठोर क्या है?
तथागत: पानी से कठोर हवा है क्योंकि कितना भी पानी से ढका बदल क्यों ना हो हवा उड़ा कर ले जाती है।
उपासक :तो हवा से बड़ा किया है?
तथागत: हवा से बड़ा इच्छा शक्ति दृढ़ शक्ति है जो हवा के माध्यम से मनुष्य अपने कितना भी बड़ी बाधा क्यों ना हो उसे पर कर सकती है।।।
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©akhlesh kumar
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