"जिन्होने कितनी राते गुजार दी,
एक तुम्हारी खुशी के लिए,
वह माँ जो तुम्हारे मन पसंद का भोजन
बनकर खिलाती थी,
वह पिता जिसके कंधे पर तुम रोजाना,
उठकर बैठ जाते थे?
तुम्हारी हर ख्वाहिशे पूरी करने की
कोशिश की थी,
कभी??
वह क्यु आज बोझ से लग रहे हैं ! तुम्हे ?"