रचना दिनांक,,,,9,,,,,10,,,,2024,,, वार,,,, बुधवार, | हिंदी भक्ति

"रचना दिनांक,,,,9,,,,,10,,,,2024,,, वार,,,, बुधवार,,,, समय,,,, सुबह,,, पांच बजे,, ््््निज विचार ््् ,,,्््भावचित्र ्््् ््््््शीर्षक ््््् छाया चित्र में दिखाया गया शारदीय नवरात्र, के पर्व अश्विन मासे शरद काले रीतु में सतम दिवस,, मां कालरात्रि श्च चित्र में दिखाया गया,, रौद़स्वरुप में अखिल विश्व में, अदभुद चित्र ही मानव जीवन में भी निखार आ रहा है मृत्युलोक में कर्मलीला कर्मशील में, नायक बम्हदेव ने मां भगवती दुर्गा पूजा चरण, सातवे दिन में कालरात्रि में आत्माओं का,, विचरण अनेक निराले अंदाज में वायुमंडल में,, वीभत्स रूप से मां कौशकी दैवीय शक्ति, दिव्यता में रक्ताम्बरी असूरमंर्दृनी मां शब्द के रुप श्रंगार में, स्वर्ण रजत कांस्य प्रतिमा पर माल्यार्पण मुण्डमालाधारणीके, किया गया ईश्वर दैवीय शक्तियों में कालिकायै नमः के जयकारे लगाते मय्या तेरे व्दारे व्दारे ्््भावचित्र है रणभूमि में आंखें तेज प्रचण्ड अग्नि सी ज्वाला सी,, सकल जगत में दूरात्माओ के भयमुक्ति में, संत समागम भक्ति भाव में दर्शन करने वाले, रुप स्वरुप में आकाश लोक से सप्तम श्रृषी मुनि , संन्यासी के तंत्र मंत्र यंत्र तंत्र तंत्रिकाओं से, सजाया गया साधक साधना तपस्या खुद से खूद में, खोकर हासिल सिध्दियां सिध्दि में मंत्रशक्ति ही, आनंद करणी माता च पारवती देवी गन्धर्व नगरी, मध्यप्रदेश देवास में मां कालरात्रि मां चामुण्डा देवी के रूप में, एक जीवंत कलाकृति को परखना ही मां के दर्शन में , शैलेंद्र आनंद के निज विचार श्रीचरणों में अर्पित करते हुए, जीवन सफल बनाएं।। यही कामना है।। मेरी स्वरचित रचनाएं में मानव मात्र में जीवन यापन सफल बनाएं ,, जीवन फूलों पर जिंदगी में एक स्वर पुकार , नाद ऐं क्लीं चामुण्डायै विच्चै नमः।। ््।। ्््््कवि शैलेंद्र आनंद ््् 9,,,10,,,2024,,, ©Shailendra Anand"

 रचना दिनांक,,,,9,,,,,10,,,,2024,,,
वार,,,, बुधवार,,,,
समय,,,, सुबह,,, पांच बजे,,
््््निज विचार ्््
,,,्््भावचित्र ््््
््््््शीर्षक ्््््
छाया चित्र में दिखाया गया शारदीय नवरात्र, के पर्व
  अश्विन मासे शरद काले रीतु में सतम दिवस,,
 मां कालरात्रि श्च चित्र में दिखाया गया,,
 रौद़स्वरुप में अखिल विश्व में,
अदभुद चित्र ही मानव जीवन में भी निखार आ रहा है
मृत्युलोक में कर्मलीला कर्मशील में,
नायक बम्हदेव ने मां भगवती दुर्गा पूजा चरण,
 सातवे दिन में कालरात्रि में आत्माओं का,,
विचरण अनेक निराले अंदाज में वायुमंडल में,,
 वीभत्स रूप से मां कौशकी दैवीय शक्ति,
 दिव्यता में रक्ताम्बरी असूरमंर्दृनी मां शब्द के रुप श्रंगार में,
 स्वर्ण रजत कांस्य प्रतिमा पर माल्यार्पण मुण्डमालाधारणीके,
किया गया ईश्वर दैवीय शक्तियों में कालिकायै नमः
के जयकारे लगाते मय्या तेरे व्दारे व्दारे ्््भावचित्र है
रणभूमि में आंखें तेज प्रचण्ड अग्नि सी ज्वाला सी,,
 सकल जगत में दूरात्माओ के भयमुक्ति में,
संत समागम भक्ति भाव में दर्शन करने वाले,
रुप स्वरुप में आकाश लोक से सप्तम श्रृषी मुनि ,
संन्यासी के तंत्र मंत्र यंत्र तंत्र तंत्रिकाओं से,
 सजाया गया साधक साधना तपस्या खुद से खूद में,
 खोकर हासिल सिध्दियां सिध्दि में मंत्रशक्ति ही,
आनंद करणी माता च पारवती देवी गन्धर्व नगरी,
 मध्यप्रदेश देवास में मां कालरात्रि मां चामुण्डा देवी के रूप में,
 एक जीवंत कलाकृति को परखना ही मां के दर्शन में ,
शैलेंद्र आनंद के निज विचार श्रीचरणों में अर्पित करते हुए,
 जीवन सफल बनाएं।। यही कामना है।।
 मेरी स्वरचित रचनाएं में मानव मात्र में जीवन यापन सफल बनाएं ,,
जीवन फूलों पर जिंदगी में एक स्वर पुकार ,
नाद ऐं क्लीं चामुण्डायै विच्चै नमः।। ््।।
्््््कवि शैलेंद्र आनंद ्््
9,,,10,,,2024,,,

©Shailendra Anand

रचना दिनांक,,,,9,,,,,10,,,,2024,,, वार,,,, बुधवार,,,, समय,,,, सुबह,,, पांच बजे,, ््््निज विचार ््् ,,,्््भावचित्र ्््् ््््््शीर्षक ््््् छाया चित्र में दिखाया गया शारदीय नवरात्र, के पर्व अश्विन मासे शरद काले रीतु में सतम दिवस,, मां कालरात्रि श्च चित्र में दिखाया गया,, रौद़स्वरुप में अखिल विश्व में, अदभुद चित्र ही मानव जीवन में भी निखार आ रहा है मृत्युलोक में कर्मलीला कर्मशील में, नायक बम्हदेव ने मां भगवती दुर्गा पूजा चरण, सातवे दिन में कालरात्रि में आत्माओं का,, विचरण अनेक निराले अंदाज में वायुमंडल में,, वीभत्स रूप से मां कौशकी दैवीय शक्ति, दिव्यता में रक्ताम्बरी असूरमंर्दृनी मां शब्द के रुप श्रंगार में, स्वर्ण रजत कांस्य प्रतिमा पर माल्यार्पण मुण्डमालाधारणीके, किया गया ईश्वर दैवीय शक्तियों में कालिकायै नमः के जयकारे लगाते मय्या तेरे व्दारे व्दारे ्््भावचित्र है रणभूमि में आंखें तेज प्रचण्ड अग्नि सी ज्वाला सी,, सकल जगत में दूरात्माओ के भयमुक्ति में, संत समागम भक्ति भाव में दर्शन करने वाले, रुप स्वरुप में आकाश लोक से सप्तम श्रृषी मुनि , संन्यासी के तंत्र मंत्र यंत्र तंत्र तंत्रिकाओं से, सजाया गया साधक साधना तपस्या खुद से खूद में, खोकर हासिल सिध्दियां सिध्दि में मंत्रशक्ति ही, आनंद करणी माता च पारवती देवी गन्धर्व नगरी, मध्यप्रदेश देवास में मां कालरात्रि मां चामुण्डा देवी के रूप में, एक जीवंत कलाकृति को परखना ही मां के दर्शन में , शैलेंद्र आनंद के निज विचार श्रीचरणों में अर्पित करते हुए, जीवन सफल बनाएं।। यही कामना है।। मेरी स्वरचित रचनाएं में मानव मात्र में जीवन यापन सफल बनाएं ,, जीवन फूलों पर जिंदगी में एक स्वर पुकार , नाद ऐं क्लीं चामुण्डायै विच्चै नमः।। ््।। ्््््कवि शैलेंद्र आनंद ््् 9,,,10,,,2024,,, ©Shailendra Anand

#navratri भक्ति संगीत
कवि शैलेंद्र आनंद

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