हर जात एक सी नहीं होती! हर किसी की बात एक सी नही | हिंदी Shayari

"हर जात एक सी नहीं होती! हर किसी की बात एक सी नही होती! हर मुलाकात एक सी नहीं होतीं! हर रात एक सी नहीं होतीं! हर बरसात एक सी नहीं होतीं! हर मधुरता एक सी नहीं होतीं! हर सुंदरता एक सी नहीं होतीं! हर चाहत एक सी नही होती! हर सूरत एक सी नही होती! हर मोहब्बत एक सी नही होती! ©abhishek sharma"

 हर जात एक सी नहीं होती! 
हर किसी की बात एक सी नही होती!

हर मुलाकात एक सी नहीं होतीं!
हर रात एक सी नहीं होतीं! 

हर बरसात एक सी नहीं होतीं!
हर मधुरता एक सी नहीं होतीं!

हर सुंदरता एक सी नहीं होतीं!
हर चाहत एक सी नही होती!

हर सूरत एक सी नही होती!
हर मोहब्बत एक सी नही होती!

©abhishek sharma

हर जात एक सी नहीं होती! हर किसी की बात एक सी नही होती! हर मुलाकात एक सी नहीं होतीं! हर रात एक सी नहीं होतीं! हर बरसात एक सी नहीं होतीं! हर मधुरता एक सी नहीं होतीं! हर सुंदरता एक सी नहीं होतीं! हर चाहत एक सी नही होती! हर सूरत एक सी नही होती! हर मोहब्बत एक सी नही होती! ©abhishek sharma

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