क्या कह दूँ उसकी ज़ुल्फ़ों के बारे में,जब जब वो लहराती है
इक सावन सा आता है दिल में,इक बारिश सी हो जाती है।।
कभी कभी तो इस मंजर में,अपना होश खो देता हूँ
तेरे पास आते आते, खुद को यूँ रोक लेता हूँ।।
बस पल भर के इस वक़्त को हम ऐसे जिया करते हैं
कुछ वक़्त बाद हम इनको याद करके फिर मिलने की ज़िद करते हैं।।
~शिव