ये उम्र सारी आशिकी में गुज़रे , ये ज़रूरी तो नहीं | हिंदी Shayari Vide

"ये उम्र सारी आशिकी में गुज़रे , ये ज़रूरी तो नहीं हां, तुमपे मरते थे , पर अब तुमपे मर ही जाए, ये ज़रूरी तो नहीं..तुम जो छोड़कर हमारा दामन, शहर के किस्सों में मशहूर हो गए... जिंदा तो नहीं रहे हम मगर ,तुम्हे सिर्फ़ इतने में बेवफ़ा कह दे , ये ज़रूरी तो नहीं... ©Ravi Samrat "

ये उम्र सारी आशिकी में गुज़रे , ये ज़रूरी तो नहीं हां, तुमपे मरते थे , पर अब तुमपे मर ही जाए, ये ज़रूरी तो नहीं..तुम जो छोड़कर हमारा दामन, शहर के किस्सों में मशहूर हो गए... जिंदा तो नहीं रहे हम मगर ,तुम्हे सिर्फ़ इतने में बेवफ़ा कह दे , ये ज़रूरी तो नहीं... ©Ravi Samrat

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