जब तक रहेगी, जन जन में, जनहित प्रति बेरुखी ! नेता | हिंदी कविता

"जब तक रहेगी, जन जन में, जनहित प्रति बेरुखी ! नेता मौज मनाते रहेंगे, जनता रहेगी दुखी की दुखी !! लाखों बच्चों को चुराया जा रहा, अस्मत लूटी जा रही ! न बच्चें खोज रहे, न दुष्कर्मियों को फाँसी दी जा रही !! कमाया तो देना आयकर, खर्च किया तो देना जीएसटी ! फुटपाथ चलने को नहीं मिलती, हफ्तों पे है अतिक्रमित !! निजी स्कूलों में लूट है, चिकित्सा में भी लूट की छूट ! मेडिकल शिक्षा के लिये तो करोड़ों तक लिये जाते लूट !! खबरों में राजनीति चलती, जनप्रश्नों का ज़िक्र नहीं ! ऐसा हो रहा क्यूंकि, जन को भी इनकी फ़िक्र नहीं !! क्लिष्ट 'कर' कानून और आये दिन के बदलाव ! सरकार चाहती ही नहीं कम हो इनका तनाव !! न्याय-पुलिस तंत्र में कई ज़रूरी सुधारों पर अमल नहीं ! बग़ैर इन सुधारों के, इनसे उम्मीदें प्रतिफल नहीं !! घरानों की उँगलियों पे थिरक, इतर रही राजनीति ! बाजारू पत्रकारिता इनके अंगने थिरकने मचलती !! यू ट्यूब भी लालच तहत वीडियो लंबा करते जाते ! ख़ालिस झूठे शीर्षकों से गुमराही से बाज न आते !! जनता जागे बिना ये हालत नहीं बदलेंगे ! दिन ब दिन ये हालत बद से बदतर बनेंगे !! आवेश हिंदुस्तानी 13.10.2024 ©Ashok Mangal"

 जब तक रहेगी, जन जन में, जनहित प्रति बेरुखी !
नेता मौज मनाते रहेंगे, जनता रहेगी दुखी की दुखी !!

लाखों बच्चों को चुराया जा रहा, अस्मत लूटी जा रही !
न बच्चें खोज रहे, न दुष्कर्मियों को फाँसी दी जा रही !!

कमाया तो देना आयकर, खर्च किया तो देना जीएसटी !
फुटपाथ चलने को नहीं मिलती, हफ्तों पे है अतिक्रमित !!

निजी स्कूलों में लूट है, चिकित्सा में भी लूट की छूट !
मेडिकल शिक्षा के लिये तो करोड़ों तक लिये जाते लूट !!

खबरों में राजनीति चलती, जनप्रश्नों का ज़िक्र नहीं !
ऐसा हो रहा क्यूंकि, जन को भी इनकी फ़िक्र नहीं !!

क्लिष्ट 'कर' कानून और आये दिन के बदलाव !
सरकार चाहती ही नहीं कम हो इनका तनाव !!

न्याय-पुलिस तंत्र में कई ज़रूरी सुधारों पर अमल नहीं !
बग़ैर इन सुधारों के, इनसे उम्मीदें प्रतिफल नहीं !!

घरानों की उँगलियों पे थिरक, इतर रही राजनीति !
बाजारू पत्रकारिता इनके अंगने थिरकने मचलती !!

यू ट्यूब भी लालच तहत वीडियो लंबा करते जाते !
ख़ालिस झूठे शीर्षकों से गुमराही से बाज न आते !!

जनता जागे बिना ये हालत नहीं बदलेंगे !
दिन ब दिन ये हालत बद से बदतर बनेंगे !!

आवेश हिंदुस्तानी 13.10.2024

©Ashok Mangal

जब तक रहेगी, जन जन में, जनहित प्रति बेरुखी ! नेता मौज मनाते रहेंगे, जनता रहेगी दुखी की दुखी !! लाखों बच्चों को चुराया जा रहा, अस्मत लूटी जा रही ! न बच्चें खोज रहे, न दुष्कर्मियों को फाँसी दी जा रही !! कमाया तो देना आयकर, खर्च किया तो देना जीएसटी ! फुटपाथ चलने को नहीं मिलती, हफ्तों पे है अतिक्रमित !! निजी स्कूलों में लूट है, चिकित्सा में भी लूट की छूट ! मेडिकल शिक्षा के लिये तो करोड़ों तक लिये जाते लूट !! खबरों में राजनीति चलती, जनप्रश्नों का ज़िक्र नहीं ! ऐसा हो रहा क्यूंकि, जन को भी इनकी फ़िक्र नहीं !! क्लिष्ट 'कर' कानून और आये दिन के बदलाव ! सरकार चाहती ही नहीं कम हो इनका तनाव !! न्याय-पुलिस तंत्र में कई ज़रूरी सुधारों पर अमल नहीं ! बग़ैर इन सुधारों के, इनसे उम्मीदें प्रतिफल नहीं !! घरानों की उँगलियों पे थिरक, इतर रही राजनीति ! बाजारू पत्रकारिता इनके अंगने थिरकने मचलती !! यू ट्यूब भी लालच तहत वीडियो लंबा करते जाते ! ख़ालिस झूठे शीर्षकों से गुमराही से बाज न आते !! जनता जागे बिना ये हालत नहीं बदलेंगे ! दिन ब दिन ये हालत बद से बदतर बनेंगे !! आवेश हिंदुस्तानी 13.10.2024 ©Ashok Mangal

#GoodMorning
#AaveshVaani
#JanMannKiBaat

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