खरोंच भी इक दिन नासूर हो जातीं हैं
महब्बत जब जिंदगी से दूर हो जातीं है
मल्लाह हर छोटी बड़ी लहरों को काट देता है
अकेली कश्ती तूफानों में चूर हो जातीं हैं
©Baljit Singh Buttar
खरोंच भी इक दिन नासूर हो जातीं हैं J P Lodhi. Dhyaan mira V.k.Viraz Omi Sharma aamil Qureshi