यारो दुआ करो मुझे एक शख्स को मनाना है ।
मेरी बातों में हो असर, मेरी बातें ही बहाना है ।।
उसकी एक अदा कातिल है और जानलेवा भी ।
रंग रूप से जुदा, उसकी अदा पलके झुकाना है ।।
मैं उस से वो मुझसे बात भी नहीं करता कभी ।
दिल भी उसी पे आया जिसके पीछे जमाना है ।।
मैं उसकी याद में कितना रोया कितना जागा हूं ।
मुझे हर पल उसे उसकी उंगलियों पे गिनाना है ।।
और बहुत है मेरी तरह कतार में शामिल मगर ।
मुझे सबसे पहले उसके दिल में घर बनाना है ।।
ये हालात ये हवा उसे मेरे साथ ना भी आने दे ।
कोई बात नहीं फ्क़त मुझे खुद को आजमाना है ।।
मेरे हालात मेरी मजबूरियां मुझे रोकती है वरना ।
जिद्द बात का पक्का है " जान् " भले ही दिवाना है ।।
कर्ण सिंह " जान् "
©Karan Singh "jaan"
मेरी तलब..............