व्यस्तता को ठहरा कर,
वह थकावट मिटाने आया है,
सोच की गहराईयों से कुछ अक्षर चुन कर लाया है,
शीर्षक की रस्सी मे शब्दो को पिरोकर,
सूखे गुलाब की लाली से यादो को संजोकर,
भर कर स्याही, वह कलम मे लाया है,
कलपनाओ का बक्सा ले,
पन्नो से मिलने आया है,
मोर पंखो से सजी सप्तरंगी सी डायरी,
शब्दहीन पन्ने मे उलझी हुई शायरी,
चुरा कर समय से वह वक्त लेकर आया है,
अरसो बाद कवि,
अपनी कविता से मिलने आया है।
©Rashmi Ranjan
#twistedooze