बमुश्किल खुद को सम्भालने लगे थे सम्भले ही नही तुम | हिंदी शायरी

"बमुश्किल खुद को सम्भालने लगे थे सम्भले ही नही तुम फिर से पुकारने लगे थे प्रेमलता सोलंकी "प्रेम " ©Prem Lata Solanki"

 बमुश्किल खुद को सम्भालने लगे थे 
सम्भले ही नही तुम फिर से पुकारने लगे थे

                           प्रेमलता सोलंकी "प्रेम "

©Prem Lata Solanki

बमुश्किल खुद को सम्भालने लगे थे सम्भले ही नही तुम फिर से पुकारने लगे थे प्रेमलता सोलंकी "प्रेम " ©Prem Lata Solanki

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