White मैं बदलना चाहूं भी तो खुद को बदल नही सकता म | हिंदी Shayari

"White मैं बदलना चाहूं भी तो खुद को बदल नही सकता मेरे लिए ना तुम्हारे लिए, मैं चाह कर भी कुछ कर नही सकता मानों जैसे,, शूल शय्या पर सोया हुआ हूं मैं, पितामह भीष्म सा उनमें और मुझमें सिर्फ़ अंतर ये की मैं अपनी इच्छा से भी, मर नही सकता ©kessi dhaker"

 White मैं बदलना चाहूं भी तो खुद को बदल नही सकता 
मेरे लिए ना तुम्हारे लिए, मैं चाह कर भी कुछ कर नही सकता
मानों जैसे,,
शूल शय्या पर सोया हुआ हूं मैं, पितामह भीष्म सा 
उनमें और मुझमें सिर्फ़ अंतर ये की मैं अपनी इच्छा से भी, मर नही सकता

©kessi dhaker

White मैं बदलना चाहूं भी तो खुद को बदल नही सकता मेरे लिए ना तुम्हारे लिए, मैं चाह कर भी कुछ कर नही सकता मानों जैसे,, शूल शय्या पर सोया हुआ हूं मैं, पितामह भीष्म सा उनमें और मुझमें सिर्फ़ अंतर ये की मैं अपनी इच्छा से भी, मर नही सकता ©kessi dhaker

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