एक कब्रगाह है जो किसी ने नहीं देखा मैं हर रोज़ दफ़न | हिंदी शायरी

"एक कब्रगाह है जो किसी ने नहीं देखा मैं हर रोज़ दफ़नाता ख़ुद को उसमें थोड़ा थोड़ा तलाश रहा हूँ उसको जो पढ़ दे बिना बताए फ़ातिया मेरा ©Kamal Kant"

 एक कब्रगाह है जो किसी ने नहीं देखा 
मैं हर रोज़ दफ़नाता ख़ुद को उसमें थोड़ा थोड़ा
तलाश रहा हूँ उसको जो पढ़ दे बिना बताए फ़ातिया मेरा

©Kamal Kant

एक कब्रगाह है जो किसी ने नहीं देखा मैं हर रोज़ दफ़नाता ख़ुद को उसमें थोड़ा थोड़ा तलाश रहा हूँ उसको जो पढ़ दे बिना बताए फ़ातिया मेरा ©Kamal Kant

#Death #Life #Quote #alone #thought #Feeling_Alone

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