White हमारे पापा 🙏
ठंड,गर्मी ,बरसात में आपका मेहनत ही मेरे लिए एक छाव देता है,बच्चे जब तक अपने आप को वृक्ष के रूप न ले ले तब तक पिता उसे नन्हे पौधे से वृक्ष बनने तक उसमे फल देने लायक तक अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटते हैं।कुछ वृक्ष बन भी जाते है, फल देने लायक पर वो मीठे फल के वजहें करवा और खटास व्यवहार को अपने बूढ़े वृक्ष (यानी पिता)को सहारे देने के वजहें उस वृक्ष के गिरने का इंतजार करते है।मैं आज भी उन कइयों बूढ़े वृक्ष को देखता हूं जो आज भी अपने बड़े हुए वृक्ष के लिए छाव देने में लगे हुए है।
मैं अब बड़ा हो गया हूं अपने शुभ कर्तव्य के प्रति जिम्मेदारी समझ रहा पर अब भी मुझे अपने पापा का सहारा लेना परता है।मैं कोशिश में हूं पर कामयाब नही हो रहा शायद मैं कमजोर पर रहा अपने मेहनत से।
मैं करना चाहता हूं पर कुछ परेशानियों ने मुझे अपने शरीर को कमजोर कर रखा है। बहुत लेट हो रहा सब चीजें मेरे अंदर पर अब मैं पूरा कोशिश करूंगा सफल होऊं मैं भी मीठा फल देने लायक खुद को उतारूं । मेरा व्यवहार ही आपकों बताता है,की आपने कितने मेहनत उतारे हैं,अपने नन्हे पौधे में जो वृक्ष भी बना है,पर व्यवहार हमेशा सुखद हैं।
©Shivshyam Gaurav
#fathers_day