एक रोज तुझे तेरी मेरी उदासी की खबर लगे और तू लौट आ | हिंदी शायरी

"एक रोज तुझे तेरी मेरी उदासी की खबर लगे और तू लौट आए, इस एक ख्वाब से कई दफा मेरे दिलों में खुशियों के बादल छाए, वो आखिरी रात जो तुमने दिखाए थे झूठे आंसू गिराने की अदाकारी , कसमें ही खाने वाला था मैं तेरे साथ जीने मरने की और तेरे माथे के पसीने से मेरी नींद खुल जाए। ©Shivam Singh Rajput"

 एक रोज तुझे तेरी मेरी उदासी की खबर लगे और तू लौट आए,

इस एक ख्वाब से कई दफा मेरे दिलों में खुशियों के बादल छाए,

वो आखिरी रात जो तुमने दिखाए थे झूठे आंसू गिराने की अदाकारी ,

कसमें ही खाने वाला था मैं तेरे साथ जीने मरने की और तेरे माथे के पसीने से मेरी नींद खुल जाए।

©Shivam Singh Rajput

एक रोज तुझे तेरी मेरी उदासी की खबर लगे और तू लौट आए, इस एक ख्वाब से कई दफा मेरे दिलों में खुशियों के बादल छाए, वो आखिरी रात जो तुमने दिखाए थे झूठे आंसू गिराने की अदाकारी , कसमें ही खाने वाला था मैं तेरे साथ जीने मरने की और तेरे माथे के पसीने से मेरी नींद खुल जाए। ©Shivam Singh Rajput

#प्यार #लव #Love #Bewafa गम भरी शायरी

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