एक रोज तुझे तेरी मेरी उदासी की खबर लगे और तू लौट आए,
इस एक ख्वाब से कई दफा मेरे दिलों में खुशियों के बादल छाए,
वो आखिरी रात जो तुमने दिखाए थे झूठे आंसू गिराने की अदाकारी ,
कसमें ही खाने वाला था मैं तेरे साथ जीने मरने की और तेरे माथे के पसीने से मेरी नींद खुल जाए।
©Shivam Singh Rajput
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