बेताब दिल को संभालना मुश्किल, फिर भी इस राह पर चलन | हिंदी शायरी

"बेताब दिल को संभालना मुश्किल, फिर भी इस राह पर चलना ज़रूरी। कभी गिरकर, फिर उठते हम, दर्द में जीने की, एक वजह भी जरूरी। राहों में तूफ़ान हों या अंधेरे, खुद से लड़कर ही जीतना ज़रूरी। हर मुश्किल को ताकत में बदलकर, मंजिल तक पहुंचना ज़रूरी। ©नवनीत ठाकुर"

 बेताब दिल को संभालना मुश्किल,
फिर भी इस राह पर चलना ज़रूरी।

कभी गिरकर, फिर उठते हम,
दर्द में जीने की, एक वजह भी जरूरी।

राहों में तूफ़ान हों या अंधेरे,
खुद से लड़कर ही जीतना ज़रूरी।

हर मुश्किल को ताकत में बदलकर,
मंजिल तक पहुंचना ज़रूरी।

©नवनीत ठाकुर

बेताब दिल को संभालना मुश्किल, फिर भी इस राह पर चलना ज़रूरी। कभी गिरकर, फिर उठते हम, दर्द में जीने की, एक वजह भी जरूरी। राहों में तूफ़ान हों या अंधेरे, खुद से लड़कर ही जीतना ज़रूरी। हर मुश्किल को ताकत में बदलकर, मंजिल तक पहुंचना ज़रूरी। ©नवनीत ठाकुर

#बेताब दिल को संभालना मुश्किल,
फिर भी इस राह पर चलना ज़रूरी।

कभी गिरकर, फिर उठते हम,
दर्द में जीने की, एक वजह भी जरूरी।

राहों में तूफ़ान हों या अंधेरे,
खुद से लड़कर ही जीतना ज़रूरी।

People who shared love close

More like this

Trending Topic