White नज़राने...हिन्दी के ✍️💕 हमारी हिन्दी भाषा म | हिंदी विचार

"White नज़राने...हिन्दी के ✍️💕 हमारी हिन्दी भाषा में कोई Silent वर्ण नहीं है, हमारी तो बिंदी भी बोलती है,, बिंदास नयन खोलती है, प्रेम का दर्पण, मन का समर्पण, अर्पण सब-कुछ करती है,, स्वच्छंद हर पल में, स्वच्छ हर क्षण में, मन का आंगन महकाती है,, एकांत हर क्षण में, ये मुझे बहलातीं है, अपने शब्दों से मुझे सहलातीं है, ये मुझपर प्रेम से शब्दों की बारिश करती, उदासियो वाले पल में मेरा सहारा बनती , मेरे अधरों को मधुर वाणी से, श्रृंगारित करतीं,, अपने ह्रदय के भावों को प्रकट करने का साधन बनती ,, लिखना कुछ जानूं ना मैं, पर तूं जो सहारा दे तो हर वेदना मिट जाएं, पीड़ा हो यदि ह्रदय में तो वो बह जाएं,, मेरे मन में अतृप्त एक प्यास है, इन नयनों को सिर्फ एक ही आस है,, लेकिन प्रयास सारे विफल हैं, क्योंकि कहने को पर्याप्त नहीं कुछ...? प्यास तो शायद तभी पूरी होगी, जब लिखना मेरा सार्थक होंगा....✍️✍️🌸🌺 ©Sanjana Hada"

 White नज़राने...हिन्दी के ✍️💕

हमारी हिन्दी भाषा में कोई Silent वर्ण नहीं है,
हमारी तो बिंदी भी बोलती है,,
बिंदास नयन खोलती है,
प्रेम का दर्पण, मन का समर्पण,
अर्पण सब-कुछ करती है,,
स्वच्छंद हर पल में,
स्वच्छ हर क्षण में,
मन का आंगन महकाती है,,

एकांत हर क्षण में, ये मुझे बहलातीं है,
अपने शब्दों से मुझे सहलातीं है,
ये मुझपर प्रेम से शब्दों की बारिश करती,
उदासियो वाले पल में मेरा सहारा बनती ,
मेरे अधरों को मधुर वाणी से,
श्रृंगारित करतीं,,
अपने ह्रदय के भावों को प्रकट करने का
साधन बनती ,,

लिखना कुछ जानूं ना मैं,
पर तूं जो सहारा दे तो हर वेदना मिट जाएं,
पीड़ा हो यदि ह्रदय में तो वो बह जाएं,,

मेरे मन में अतृप्त एक प्यास है,
इन नयनों को सिर्फ एक ही आस है,,
लेकिन प्रयास सारे विफल हैं,
क्योंकि कहने को पर्याप्त नहीं कुछ...?

प्यास तो शायद तभी पूरी होगी,
जब लिखना मेरा सार्थक होंगा....✍️✍️🌸🌺

©Sanjana  Hada

White नज़राने...हिन्दी के ✍️💕 हमारी हिन्दी भाषा में कोई Silent वर्ण नहीं है, हमारी तो बिंदी भी बोलती है,, बिंदास नयन खोलती है, प्रेम का दर्पण, मन का समर्पण, अर्पण सब-कुछ करती है,, स्वच्छंद हर पल में, स्वच्छ हर क्षण में, मन का आंगन महकाती है,, एकांत हर क्षण में, ये मुझे बहलातीं है, अपने शब्दों से मुझे सहलातीं है, ये मुझपर प्रेम से शब्दों की बारिश करती, उदासियो वाले पल में मेरा सहारा बनती , मेरे अधरों को मधुर वाणी से, श्रृंगारित करतीं,, अपने ह्रदय के भावों को प्रकट करने का साधन बनती ,, लिखना कुछ जानूं ना मैं, पर तूं जो सहारा दे तो हर वेदना मिट जाएं, पीड़ा हो यदि ह्रदय में तो वो बह जाएं,, मेरे मन में अतृप्त एक प्यास है, इन नयनों को सिर्फ एक ही आस है,, लेकिन प्रयास सारे विफल हैं, क्योंकि कहने को पर्याप्त नहीं कुछ...? प्यास तो शायद तभी पूरी होगी, जब लिखना मेरा सार्थक होंगा....✍️✍️🌸🌺 ©Sanjana Hada

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