आप जरा मुझे अपने बारे में बताइए,
कैसे आप थे और कहा आप आ गए।
एक चुनाव जीत के अमीर हो गए,
गरीबों का हक छीन के नायक बन गए।
फालतू की बाते कर बहेश ना कीजिए,
आपके बेटे की स्कूल कॉलेज का नाम बताइए।
यह भूख से लोग कितने मार रहे,
आप बस महगाई की दर नीचे बताईए।
खुद पेड़ पौधों के आलीशान घर में बैठिए,
आइए जहरीली हवा के दम ले कर बताइए।
हजार रुपिया गरीब को बाट के,
आप अपने बैंको में करोड़ों छपवाईए।
खौफ अब कहा रहा आप लोगो को,
दौलत खुद की बैच के कभी हम बताइए।
शान शौकत से आप लाल बत्ती में घूमिए,
एक दिन बिना बिजली के दिन गुजारिए।
लिखने को मन तो बहुत करता है,
खुद कभी खुद को गाली देख के बताइए।
और 'हर्ष' जैसे लाखो से जूता खाइए,
खुदको रखवाला बता के खुदको लुटाइए।
©Harsh Patel
#protest