मेरे बार–बार पुकारने पर भी तुम अब तक नहीं आए,
काश! इसमें भी मेरा ही कोई कसूर होता।
मैं तुम्हें दोषी नहीं बनाना चाहती,
लेकिन तुम साथ होते तो शायद मुझमें भी आज कोई गुरूर होता।
©Deepa Ruwali
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