White वक़्त लगा वक़्त की कीमत जानने मे मशरूफ रही उ | हिंदी शायरी

"White वक़्त लगा वक़्त की कीमत जानने मे मशरूफ रही उम्र भर तारीफ़े कमाने मे फिसल गयी रेत सी हाथो से सारी खुशिया छोड़ दिया तन्हा मुझे कम्बख्त जमाने ने कमाया था जिन रिश्तों को एक उम्र देकर मैंने एक पल न लगा मुझे सब कुछ गवाने मे ©RICHA DOBHAL"

 White वक़्त लगा वक़्त की कीमत जानने मे
मशरूफ रही उम्र भर तारीफ़े कमाने मे
फिसल गयी रेत सी हाथो से सारी खुशिया
छोड़ दिया तन्हा मुझे कम्बख्त जमाने ने
कमाया था जिन रिश्तों को एक उम्र देकर मैंने
एक पल न लगा मुझे सब कुछ गवाने मे

©RICHA DOBHAL

White वक़्त लगा वक़्त की कीमत जानने मे मशरूफ रही उम्र भर तारीफ़े कमाने मे फिसल गयी रेत सी हाथो से सारी खुशिया छोड़ दिया तन्हा मुझे कम्बख्त जमाने ने कमाया था जिन रिश्तों को एक उम्र देकर मैंने एक पल न लगा मुझे सब कुछ गवाने मे ©RICHA DOBHAL

#rishte

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