क्या वजह थी झूठे हो जाने की, इससे बेहतर था सच कह | हिंदी शायरी

"क्या वजह थी झूठे हो जाने की, इससे बेहतर था सच कह कर विदा लेते, और मैं हर रोज आईना साफ करता रहा, धूल तो मेरे चश्मों पर ही लगी थी। ©Ravish"

 क्या वजह थी झूठे हो जाने की, 
इससे बेहतर था सच कह कर विदा लेते, 
और मैं हर रोज आईना साफ करता रहा, 
धूल तो मेरे चश्मों पर ही लगी थी।

©Ravish

क्या वजह थी झूठे हो जाने की, इससे बेहतर था सच कह कर विदा लेते, और मैं हर रोज आईना साफ करता रहा, धूल तो मेरे चश्मों पर ही लगी थी। ©Ravish

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