जैसा मैं दिखता हूं, वैसा मैं हूं नहीं, यह बात अगर | हिंदी Poetry

"जैसा मैं दिखता हूं, वैसा मैं हूं नहीं, यह बात अगर तुम समझती हो तो मेरा हाथ थामने के लिए आ जाओ सबके सामने में मेरा प्यार दिखता नहीं है अगर तुम मेरे खडूस पन में भी प्यार देख सकती हो तो मेरा हाथ थामने के लिए आ जाओ मेरा गुस्से के पीछे का प्यार अगर तुम समझ सकती हो तो मेरा हाथ थामने के लिए आ जाओ किसी महफ़िल में, मैं अगर ना रहूं और उसमें फिल्में भी तुम सिर्फ मेरी रहो तो मेरा हाथ थामने के लिए आ जाओ खुदा ना करे, कभी इस दुनिया में मैं व्यस्त रहो और उस समय मेरे पास तुम्हारे लिए भी वक्त ना हो और उस वक्त भी तुम इस बात को समझ सको तो मेरा हाथ थामने के लिए आ जाओ मेरी हर कमी को अगर तुम अपना सको तो मेरा हाथ थामने के लिए आ जाओ मेरी हर गलती को अगर माफ कर सको तो मेरा हाथ थामने के लिए आ जाओ अगर मैं बारिश में भीग जाऊं और तुम मेरे लिए अदरक वाली चाय बना सको तो मेरा हाथ थामने के लिए आ जाओ -विक्रम ©VIKRAM RAJAK"

 जैसा मैं दिखता हूं, वैसा मैं हूं नहीं, 
यह बात अगर तुम समझती हो 
तो मेरा हाथ थामने के लिए आ जाओ

सबके सामने में मेरा प्यार दिखता नहीं है
अगर तुम मेरे खडूस पन में भी प्यार देख सकती हो
तो मेरा हाथ थामने के लिए आ जाओ

मेरा गुस्से के पीछे का प्यार 
अगर तुम समझ सकती हो 
तो मेरा हाथ थामने के लिए आ जाओ

किसी महफ़िल में, मैं अगर ना रहूं 
और उसमें फिल्में भी तुम सिर्फ मेरी रहो 
तो मेरा हाथ थामने के लिए आ जाओ

खुदा ना करे, कभी इस दुनिया में मैं व्यस्त रहो 
और उस समय मेरे पास तुम्हारे लिए भी वक्त ना हो
और उस वक्त भी तुम इस बात को समझ सको
तो मेरा हाथ थामने के लिए आ जाओ

मेरी हर कमी को अगर तुम अपना सको
तो मेरा हाथ थामने के लिए आ जाओ

मेरी हर गलती को अगर माफ कर सको
तो मेरा हाथ थामने के लिए आ जाओ

अगर मैं बारिश में भीग जाऊं और 
तुम मेरे लिए अदरक वाली चाय बना सको 
तो मेरा हाथ थामने के लिए आ जाओ
-विक्रम

©VIKRAM RAJAK

जैसा मैं दिखता हूं, वैसा मैं हूं नहीं, यह बात अगर तुम समझती हो तो मेरा हाथ थामने के लिए आ जाओ सबके सामने में मेरा प्यार दिखता नहीं है अगर तुम मेरे खडूस पन में भी प्यार देख सकती हो तो मेरा हाथ थामने के लिए आ जाओ मेरा गुस्से के पीछे का प्यार अगर तुम समझ सकती हो तो मेरा हाथ थामने के लिए आ जाओ किसी महफ़िल में, मैं अगर ना रहूं और उसमें फिल्में भी तुम सिर्फ मेरी रहो तो मेरा हाथ थामने के लिए आ जाओ खुदा ना करे, कभी इस दुनिया में मैं व्यस्त रहो और उस समय मेरे पास तुम्हारे लिए भी वक्त ना हो और उस वक्त भी तुम इस बात को समझ सको तो मेरा हाथ थामने के लिए आ जाओ मेरी हर कमी को अगर तुम अपना सको तो मेरा हाथ थामने के लिए आ जाओ मेरी हर गलती को अगर माफ कर सको तो मेरा हाथ थामने के लिए आ जाओ अगर मैं बारिश में भीग जाऊं और तुम मेरे लिए अदरक वाली चाय बना सको तो मेरा हाथ थामने के लिए आ जाओ -विक्रम ©VIKRAM RAJAK

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