White जैसे जैसे छठ निराला सांच कही मोर मन पियराला
ए साहब तू छुट्टी दे दा चाहे हमके तू गरिया ला
चार दिन के बात बा मालिक ट्रेन पकड़े फिर चल आइब
मजदूरी के रोटी लेवे बोला साहब कहा हम जाइब
खिचड़ी बितल फगुआ बितल नवमी और दशहरा बितल
एक टेर ना कहनी तोहसे जाने केतना परब बितल
अब जीव ना मानेला सुतलो में अंखियां जगेला
चाहे केतनो काम करिला मन हुजूर ना लगेला
साल भर में एकही बेरा छठ के छुट्टी मांगीला
ए साहब तू छुट्टी दे दा चाहे हमके तू गरिया ला
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