#KargilVijayDiwas मनोज की कलम से: तेरे चुल्लू में, | हिंदी शायरी

"#KargilVijayDiwas मनोज की कलम से: तेरे चुल्लू में, समंदर समेट सकता हूँ तेरे जुम्बिश में, भूकंप लपेट सकता हूँ ..... बाल की खाल की तफ़शील से करके गढ़ना में जो चाहूं तो नए शास्त्र फिर गढ़ सकता हूँ"

 #KargilVijayDiwas मनोज की कलम से:
तेरे चुल्लू में, समंदर समेट सकता हूँ
तेरे जुम्बिश में, भूकंप लपेट सकता हूँ
.....
बाल की खाल की तफ़शील से करके गढ़ना
में जो चाहूं तो नए शास्त्र फिर गढ़ सकता हूँ

#KargilVijayDiwas मनोज की कलम से: तेरे चुल्लू में, समंदर समेट सकता हूँ तेरे जुम्बिश में, भूकंप लपेट सकता हूँ ..... बाल की खाल की तफ़शील से करके गढ़ना में जो चाहूं तो नए शास्त्र फिर गढ़ सकता हूँ

#kargilvijaydiwas

People who shared love close

More like this

Trending Topic