"मुक्तक
बाँधा है साहित्य को, समालोचना संग
सफल समीक्षा भर सके, लेखन में नव रंग।
सतत साधना कीजिये,रगड़ चमक बढ़ जाय
सीखों मिलकर साथ में, रचना के गुण ढंग।
गीता गुप्ता 'मन'"
मुक्तक
बाँधा है साहित्य को, समालोचना संग
सफल समीक्षा भर सके, लेखन में नव रंग।
सतत साधना कीजिये,रगड़ चमक बढ़ जाय
सीखों मिलकर साथ में, रचना के गुण ढंग।
गीता गुप्ता 'मन'