रिश्ते हो गए बाजार में मंहगे अफसोस
ना अमीर खरीद पाया ना गरीब ॥
रिश्ते एक तरफा निभाये तो कब तक ।
ना अमीर समझ पाया ना गरीब ॥
हर चीज बिकती नजर आई बाजार में
भाव रिश्ते का अमीर लगा पाया ना गरीब ॥
कुछ ऐसे भी रिश्ते बनाया करो 1
उम्मीद किसी ना लगाया करो '
उम्मीद को टुटने से अमीर बचा पाया ना गरीब ॥
©Shakuntala Sharma
#Problems समस्या इन रिश्तों की