Unsplash मैं नाराज़ हूँ खुद से क्योंकि मैं हर झूठ | English Life

"Unsplash मैं नाराज़ हूँ खुद से क्योंकि मैं हर झूठ को सच मान लेती हूँ झूठ को समझना नहीं आता क्यों नहीं देख पाती बदलते रंग को रंग बदलना नहीं आता हर चेहरे पर एक झूठ का चेहरा है उस झूठ को पढ़ना नहीं आता समझ नहीं पाती हर किसी की चतुराई को चतुराई करना नहीं आता चालाकों से भरे दुनिया में चालाकी करना नहीं आता यहां मासूम होना बेवकूफी है समझदार होना नहीं आता हां मैं नाराज़ हूँ खुद से मुझे समझदार बनना नहीं आता ©शीतल श्रेष्ठ"

 Unsplash  मैं नाराज़ हूँ खुद से
क्योंकि मैं हर झूठ को 
सच मान लेती हूँ 
झूठ को समझना
नहीं आता

क्यों नहीं देख पाती
 बदलते रंग को
रंग बदलना नहीं आता
 
हर चेहरे पर एक 
झूठ का चेहरा है 
उस झूठ को  
पढ़ना नहीं आता

समझ नहीं पाती 
हर किसी की चतुराई को 
चतुराई करना नहीं आता 

चालाकों से भरे दुनिया में 
चालाकी करना नहीं आता
यहां मासूम होना बेवकूफी है 
समझदार होना नहीं आता
हां मैं नाराज़ हूँ खुद से
मुझे समझदार बनना 
नहीं आता

©शीतल श्रेष्ठ

Unsplash मैं नाराज़ हूँ खुद से क्योंकि मैं हर झूठ को सच मान लेती हूँ झूठ को समझना नहीं आता क्यों नहीं देख पाती बदलते रंग को रंग बदलना नहीं आता हर चेहरे पर एक झूठ का चेहरा है उस झूठ को पढ़ना नहीं आता समझ नहीं पाती हर किसी की चतुराई को चतुराई करना नहीं आता चालाकों से भरे दुनिया में चालाकी करना नहीं आता यहां मासूम होना बेवकूफी है समझदार होना नहीं आता हां मैं नाराज़ हूँ खुद से मुझे समझदार बनना नहीं आता ©शीतल श्रेष्ठ

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