White 1222. 1222. 122
जहर हम ने जुदाई का पिया है
ये दिल सौ बार मर मर के जिया है
सुनाऊं किसको हाले दिल येअपना
लबो को हमने अश्को से सिया है
दिलो का दरद छुपा ना सके हम
कहूँ कैसे ये अपनों ने दिया है
तुझे पाने के खातिर सर झुका है
हरम या बुतकदा सजदा किया है
सनम तुम्हे भुला ना पायेंगे हम
ये वादा हमसे जो तुमने लिया है
मेरा मरना पसंद था उसे शायद
कफ़न उसने मिरा खुद से सिया है
यूँ अल्फाजो में तुम्हे ढूंढता हूँ
ज्यूँ ग़ज़लों में तेरा नाम लिखा है
( एल,डी, )
बुतकदा=मंदिर
हरम=मस्जिद
©laxman dawani
#sad_quotes #Love #Life #romance #poem #Poetry #Poet #gazal #Knowledge #Shayari