सोच में गुम हर वक्त रहती हूं ,
कुछ कहती हूं कुछ करती हूं।
होश मुझे अब बिल्कुल नही,
बस तेरी ही बाते करती हूं।
तेरी एक झलक की खातिर ,
आँखे बंद कर सोती रहती हूं।
सांसो में तेरा नाम सुनु बस ,
इसलिये तन्हा रहती हूं।
राधे राधे बस राधे राधे ,
मन मे रटती रहती हूं।
(चाहत)
©Chahat Kushwah