चामर छंद विधान:-
21 21 21 21 21 21 21 2=कुल 23 वर्ण
रक्त मंद ना कभी उबाल तीव्र ही रखें
शूर वीर धीर स्वाद युद्ध का यहाँ चखें।।
सिंह फिर बनो यहाँ शृगाल बन नहीं हटो।
देश आन को सदा यहाँ प्रिये मरो मिटो।।
द्रोह प्राण से करें न मोह भूल से कभी।
देश शान को मिटें सुनें अभी यहाँ सभी।।
©Bharat Bhushan pathak
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