Unsplash कोयल
अपनी मीठी बोली से
करती सबको मोहित
सबका मन हो जाता है
मुझे देख कर हर्षित
काली हूँ कौए जैसा
रँग रूप है मेरा
सभी चाहते आंगन में
डालूँ उनके डेरा
मेरे गीतों को सुनकर
मंत्रमुग्ध सब होते
बड़े चाव से सुनते हैं
अपनी सुधि बुधि खोते
बेखुद अपना लक्ष्य है
सबको खुशी लुटाऊँ
मधुसूदन दौड़ा आए
जिस बगिया में जाऊँ
©Sunil Kumar Maurya Bekhud
#कोयल