White मैं उसकी ना हुई, उससे दूर हो गई उससे दूर हो | हिंदी Poetry

"White मैं उसकी ना हुई, उससे दूर हो गई उससे दूर होकर , मैं उसमें रह गई पन्नों को जलाने पर मैं , मेरा वजूद सा खत्म समझी थी हां सही समझी थी यहां तो मैं सच में कहीं खो गई वो रास्ते, वो नदी और उस नदी में बह रहे वो सारे वादे उनमें ठहराव है वो वहीं हैं , कुछ बात तो है ,जो वहां सही हैं । और अब यहां बादलों ने आसमां छोड़ रखा है बड़ी दूर वो समंदर की तलाश में निकला है समंदर का रंग नीले की वजाय , लाल चाहता है उम्र भर सूखकर एक रोज ये कमाल चाहता है कि जब बूंदे छुए उस ज़मीन को तो वो आग हो जाए फिर उसमे झुलसे उसके वो सारे ख्याल पाक हो जाए। ©Anushka_"

 White मैं उसकी ना हुई, उससे दूर हो गई 
उससे दूर होकर , मैं उसमें रह गई 
पन्नों को जलाने पर मैं , मेरा वजूद सा खत्म समझी थी 
हां सही समझी थी 
यहां तो मैं सच में कहीं खो गई
वो रास्ते, वो नदी और उस नदी में बह रहे 
वो सारे वादे 
उनमें ठहराव है वो वहीं हैं ,
कुछ बात तो है ,जो वहां सही हैं ।

और अब यहां बादलों ने आसमां छोड़ रखा है 
बड़ी दूर वो समंदर की तलाश में निकला है 
समंदर का रंग नीले की वजाय , लाल चाहता है 
उम्र भर सूखकर 
एक रोज ये कमाल चाहता है 
कि जब बूंदे छुए उस ज़मीन को तो वो आग हो जाए 
फिर उसमे झुलसे उसके वो सारे ख्याल पाक हो जाए।

©Anushka_

White मैं उसकी ना हुई, उससे दूर हो गई उससे दूर होकर , मैं उसमें रह गई पन्नों को जलाने पर मैं , मेरा वजूद सा खत्म समझी थी हां सही समझी थी यहां तो मैं सच में कहीं खो गई वो रास्ते, वो नदी और उस नदी में बह रहे वो सारे वादे उनमें ठहराव है वो वहीं हैं , कुछ बात तो है ,जो वहां सही हैं । और अब यहां बादलों ने आसमां छोड़ रखा है बड़ी दूर वो समंदर की तलाश में निकला है समंदर का रंग नीले की वजाय , लाल चाहता है उम्र भर सूखकर एक रोज ये कमाल चाहता है कि जब बूंदे छुए उस ज़मीन को तो वो आग हो जाए फिर उसमे झुलसे उसके वो सारे ख्याल पाक हो जाए। ©Anushka_

#Moon

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